
“डूबता सूरज
जो कभी
डूबता ही नहीं।
दिखे तो यह सूर्यास्त,
पर ना कभी परास्त।”
© कवि प्रवीण कुमार पति

Words of Prabeen not just pressed, but that touch and impress!
“डूबता सूरज
जो कभी
डूबता ही नहीं।
दिखे तो यह सूर्यास्त,
पर ना कभी परास्त।”
© कवि प्रवीण कुमार पति